जुलाई 2024 में जब सरकार ने मोदी 3.0 का पहला पूर्ण बजट पेश किया था, तो सोने पर टैक्स (इंपोर्ट ड्यूटी) को कम करके आम आदमी को बड़ी राहत दी थी. इसके बाद सोने की कीमतें नीचे आईं थी, लेकिन सोने का भाव फिर 80,000 के पार जा चुका है, तो क्या इस बार बजट में सरकार सोने को सस्ता बनाने पर फिर से काम करेगी?
क्या बजट में सस्ता होगा सोना? पिछली बार सरकार ने घटाया था टैक्स

बजट में गोल्ड पर क्या होगी बात?

सोने का भाव एक बार फिर देश में 80,000 रुपए प्रति 10 ग्राम के पार जा चुका है. जुलाई में जब सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट पेश किया था, तो गोल्ड पर इंपोर्ट ड्यूटी कम की गई थी. इसका फायदा बाजार में देखने को मिला था और सोने का भाव 80,000 रुपए के भाव से काफी नीचे चला गया था. ऐसे में क्या 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट 2025 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोने की कीमतों को नीचे लाने पर जोर देंगी, ताकि आम आदमी फिर से इसे खरीद सके.

देश के ज्वैलरी चाहते हैं कि देश की वित्त मंत्री सोने की कीमतों को नीचे लाने पर फोकस करें. ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार इसके लिए ईएमआई पर सोना खरीदने का कोई मैकेनिज्म बना सकती है. इतना ही नहीं एक्सपर्ट के बीच सोने के कारोबार को स्टैंडर्ड बनाने के लिए एक सिंगल रेग्युलेटर की आवश्यकता भी महसूस की जा रही है.

देश में हो सिंगल गोल्ड रेग्युलेटर

इस समय सोने का अलग-अलग तरीके से कारोबार होता है. इसमें गोल्ड ईटीएफ से लेकर डिजिटल गोल्ड और फिजिकल गोल्ड शामिल है. इसलिए इनको अलग-अलग रेग्युलेटर रेग्युलेट करते हैं. इसमें भारतीय प्रतिभूति विनियामक बोर्ड (सेबी), भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (डीजीएफटी) शामिल हैं. साथ ही वित्त मंत्रालय और वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय भी सोने के कारोबार की निगरानी करते हैं.

मार्जिन सुधारने के लिए कम हो टैक्स

अगर सोने के गहनों और फिजिकल गोल्ड का कारोबार करने वाले रिफाइनर्स को देखें, तो ये लोग पिछले कई सालों से महज 0.65 प्रतिशत के मार्जिन पर काम कर रहे हैं. देश में बुलियन और ज्वैलर्स के सबसे बड़े संगठन IBJA के अध्यक्ष पृथ्वीराज कोठारी का कहना है कि इस मार्जिन को बेहतर करने के लिए सरकार को कच्चे सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी को कम करना चाहिए. इससे सोने की कीमतों में ओवरऑल कमी भी आएगी.

इसके अलावा देश में सोने के गहने बनाने वाले स्किल्ड लेबर की भी जरूरत महसूस की जा रही है. इसलिए सरकार को इनके कौशल विकास पर भी जोर देना चाहिए. ऐसा भी इंडस्ट्री के दिग्गजों का कहना है. भारत दुनिया के सबसे बड़े गोल्ड इंपोर्टर में से एक है. हर साल भारत का गोल्ड इंपोर्ट बढ़ रहाा है.