भागवत की स्वयंसेवकों से अपील, जाति, पंथ, क्षेत्र और भाषा की परवाह किए बिना मित्रता बढ़ाएं
नई दिल्ली । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने संगठन के सभी स्वयंसेवकों से जाति, पंथ, क्षेत्र और भाषा की परवाह किए बिना विभिन्न समूहों के बीच मित्रता बढ़ाने की अपील की। इस दौरान, संघ प्रमुख भागवत ने कहा कि स्वयंसेवक समाज के कल्याण के लिए उत्प्रेरक के रूप में काम करते हैं।
आरएसएस प्रमुख भागवत ने कहा कि सभी हिंदुओं को आपसी सम्मान और सहयोग के माध्यम से विभिन्न उपयोगों के लिए समान मंदिरों, श्मशानों और पानी को साझा करना चाहिए। भागवत ने जोर दिया कि समग्र रूप से समाज को पर्यावरण की रक्षा के लिए पानी संरक्षण, पौधे लगाने और प्लास्टिक के बर्तनों से बचने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। उन्होंने कहा, हर भारतीय को खाद्य पदार्थ, आवास, यात्रा और यहां तक कि अपनी आत्म-अभिव्यक्ति से मेल खाने वाली भाषाएं अपनानी चाहिए।
संघ प्रमुख ने फिर कहा कि नागरिकों को पारंपरिक सामाजिक मानदंडों का पालन करना चाहिए, भले ही कानूनी नजरिए से इसतरह के सभी नियमों को कानून नहीं कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि हर किसी को अपनी दैनिक गतिविधियों में विदेशी भाषाओं का उपयोग करने के बजाय मातृभाषा में बातचीत करनी चाहिए।