भारत से चैंपियंस ट्रॉफी मैच हार के बाद मोहम्मद रिजवान से छिनेगी पाकिस्तान की कप्तानी?
Mohammad Rizwan: पहले न्यूजीलैंड और फिर भारत से हार के बाद पाकिस्तान अपनी ही मेजबानी वाले आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के सेमीफाइनल की दौड़ से बाहर हो चुका है। पाकिस्तान टीम के कप्तान मोहम्मद रिजवान ने भारत की हार के बाद मान भी लिया था कि हमारी कहानी खत्म हो चुकी है। टूर्नामेंट में इस तरह से शर्मिंदा होकर बाहर होने के बाद न केवल टीम की कहानी खत्म हुई है, बल्कि देखा जाए तो मोहम्मद रिजवान की कप्तानी का दौर भी खत्म होता दिख रहा है। PCB कब क्या कर दे कोई भरोसा नहीं है। जिस गैरी कर्स्टन ने भारत को चैंपियन बनाया उन्हें कोचिंग से बेइज्जत करके निकाला, जबकि बनाते वक्त गिड़गिड़ा रहा था। वनडे वर्ल्ड कप 2023 के बाद बाबर आजम को कप्तानी से निकाल दिया था, जबकि T20 विश्व कप से पहले टीम के कप्तान शाहीन अफरीदी थे, जबकि आईसीसी टूर्नामेंट से पहले उन्हें भी हटा दिया। बाबर को वापस लाया और टूर्नामेंट खत्म होते ही फिर कप्तानी से हटा दिया।
चोट के दौरान एक्टिंग पर बढ़ी आलोचनाओं की लहर
मोहम्मद रिजवान की इमेज समझदार व्यक्ति की नहीं है। क्रिकेट की दुनिया में बयान काफी मायने रखते हैं। खासकर बैटिंग के दौरान चोट पर मेडिकल टीम बुलाना और फिर उसे एक्टिंग बताना रिजवान की इमेज के लिए अच्छी बात नहीं रही। क्रिकेट एक्सपर्ट्स, फैंस और विपक्षी खिलाड़ी अब उनकी चोट या किसी गतिविधि को सीरियस नहीं लेते। संभव है कि टीम में भी उनकी इमेज ऐसी ही हो, जबकि हर टीम मेच्योर कप्तान चाहती है।
टीम को चाहिए एक सशक्त लीडर
भारत पर जीत के बाद मैदान पर नमाज अदा करना उनके लिए भारी पड़ा था, जबकि अब भारत के खिलाफ शर्मनाक सामने देखकर उनका तस्बीह पढ़ना एक खिलाड़ी के तौर पर उनका मजाक बनाता है। क्रिकेट एक्सपर्ट्स और कमेंटेटर ने तो यहां तक कह दिया कि खेल में मेहनत और आगे बढ़कर लीड करना कप्तान का काम होता है, न कि ये जो कर रहे हैं वो। अगर ऐसा करने से टीम जीते तो संभव है सभी प्रैक्टिस छोड़कर यही करें। पाकिस्तान को ऐसे कप्तान की जरूरत है जो फ्रंटफुट से टीम को लीड करे, न कि धर्म की नुमाइश करे।
शाहीन अफरीदी के साथ रिश्ते में आई खटास
न्यूजीलैंड के खिलाफ शाहीन पर रन पड़ने लगे तो मोहम्मद रिजवान अपने खिलाड़ी को हिम्मत देने की जगह लड़ने लगे। उन्होंने कुछ कहा जिस पर शाहीन और भी निराश हुए। रिजल्ट यह रहा कि भारत के खिलाफ मैच में उन्हें 8 ओवरों में 74 रन पड़ गए। शुभमन गिल ने खासकर धुनाई की। अब जब आप अपने प्रमुख गेंदबाज को कॉन्फिडेंस नहीं दे पा रहे हैं तो कप्तान के तौर पर वहीं हार जाते हैं। उनके रिश्ते अन्य खिलाड़ियों से भी बहुत अच्छे नहीं हैं।
दूसरों को क्या समझाते होंगे मोहम्मद रिजवान
बल्लेबाज के रूप में मोहम्मद रिजवान की खुद की फॉर्म भी बहुत अच्छी नहीं है। जब कप्तान खुद प्रदर्शन नहीं कर रहा होता है। तो साथी पीठ पीछे यही कहते हैं कि भाई पहले अपना तो देख लो, फिर मेरे प्रदर्शन के बारे में कुछ कहना। लेकिन, जब कप्तान अच्छा करता है तो खिलाड़ी उसे सीरियस लेते हैं। यहां भी कुछ ऐसा ही है। रिजवान बातें बहुत करते हैं, लेकिन उसे परफॉर्मेंस में कन्वर्ट नहीं कर पा रहे हैं।