रामपुर। 

वर्ष 2019 में पहली बार लोकसभा  के चुनावी समर में कूदे आजम खां ने 110152 मतों के बड़े अंतर से सिने तारिका जयाप्रदा को शिकस्त दे अपना परचम लहराया था। लेकिन, लोकसभा की सदस्यता उन्हें रास नहीं आयी। योगी सरकार में उनकी ऐसी घेराबंदी हुई की कानून के शिकंजे में फंसते ही चले गए और अंतत: दो साल से सीतापुर की जेल में हैं।

वर्ष 2019 का लोकसभा चुनाव में सपा ने अपने कद्दावर नेता एवं उस वक्त के शहर विधायक मोहम्मद आजम खां (Azam khan) को प्रत्याशी बनाया था। जबकि, भाजपा ने सिने तारिका जयाप्रदा पर दांव लगाया। तब आजम खां को 562187 वोट मिले जबकि, जयाप्रदा ने 452035 मत प्राप्त किए। इस तरह 110152 मतों के अंतर से आजम रामपुर के नए सांसद चुने गए थे। लेकिन, यूपी में सीएम योगी आदित्यनाथ से सियासी अदावत के चलते उन्हें सांसदी रास नहीं आयी।

एक के बाद एक इस तरह आजम की घेराबंदी की गई कि अंतत: आजम खां को पत्नी-बेटे के साथ कोर्ट में सरेंडर करना पड़ा था। माना जा रहा है कि इसी कारण से उन्होने दिल्ली के बजाय एक बार फिर यूपी की सियासत करना बेहतर समझा और मंगलवार को लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।

शिकायत, जांच और मुकदमा दर्ज

तत्कालीन जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह की रणनीति के चलते आजम के सभी विरोधी एक हो गए। प्रशासन को इन विरोधियों द्वारा शिकायत मिलती रही, डीएम उस पर जांच कराते रहे और फिर कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर आजम खां और उनके परिजनों, समर्थकों पर मुकदमा दर्ज कराए जाते रहे। एक के बाद एक यह सिलसिला लंबे समय तक चलता रहा।

लोस चुनाव में हर दिन हुए मुकदमे, लगा प्रतिबंध

लोकसभा चुनाव के दौरान आजम खां ने हर दिन विवादित बयान दिया। प्रशासन से लेकर शासन तक निशाना साधा, अमर्यादित बयानबाजी के लिए उनके खिलाफ कमोबेश हर दिन मुकदमे होते रहे। कुल 14 मुकदमे हुए, जिनमें चार्जशीट लगाई गई। इनमें सबसे ज्यादा सुर्खियों में जयाप्रदा और डीएम आन्जनेय कुमार सिंह पर विवादित बयान रहा। इसके कारण लोकसभा चुनाव के दौरान आयोग को सीमित समय के लिए आजम खां की सभाओं पर रोक तक लगाना पड़ा।

सर्वाधिक जमीनों पर कब्जे के हुए मुकदमे

आजम खां पर सबसे अधिक मुकदमें किसानों की जमीनें कब्जाने के आरोप में दर्ज हुए हैं। अजीमनगर थाने में उनके खिलाफ 29 मामले दर्ज हैं। जबकि, शत्रु संपत्ति कब्जाने, सरकारी पेड़ कटवाने, नदी की रेतीली जमीन कब्जाने के आरोप में भी मुकदमें दर्ज हुए हैं।

भैंस, गाय, बकरियां खुलवाने तक के इल्जाम

यतीमखाना प्रकरण में आजम पर 11 मुकदमे दर्ज हुए हैं। इन सभी में उन पर डकैती डलवाने, भैंस, गाय, बछड़ा, बकरियां जबरन खुलवाने के आरोप लगे हैं। इतना ही नहीं उन पर बेटे के पासपोर्ट, जन्म प्रमाण पत्र में धोखाधड़ी करने से लेकर पर पड़ोसी को धमकाने, घर पर कब्जा करने की नीयत मारपीट कराने तक के आरोप लगे हैं।

पत्नी-बेटों पर भी हैं मुकदमे

बिजली चोरी से लेकर सरकारी जमीन कब्जाने तक के आरोप में आजम खां की पत्नी एवं राज्यसभा सदस्य तजीन फात्मा, बेटा अब्दुल्ला आजम और अदीब आजम के खिलाफ भी कई मुकदमें अब तक दर्ज हो चुके हैं।

दूसरे जनपदो में भी हैं मुकदमे

आजम खां पर सिर्फ रामपुर में ही मुकदमे नहीं दर्ज हैं, उनके खिलाफ यूपी के दूसरे शहरो में भी मुकदमे चल रहे हैं। प्रयागराज में 18 मामलों पर सुनवाई चल रही है। वहीं राजस्व परिषद में भी उनके खिलाफ वाद दायर हैं।

छह माह के भीतर होगा उप चुनाव

उप जिला निर्वाचन अधिकारी डाक्टर वैभव शर्मा के अनुसार जब भी कोई लोकसभा सदस्य या विधानसभा सदस्य अपने पद से इस्तीफा दे देता है तो त्याग पत्र स्वीकृति के छह माह के भीतर उप चुनाव होता है। इसमें अंतिम निर्णय निर्वाचन आयोग ही लेता है।