भोपाल । मप्र में देश का सबसे लंबा सिक्स लेन एक्सप्रेस वे बनने जा रहा है। नर्मदा एक्सप्रेस-वे गुजरात-छत्तीसगढ़ कॉरीडोर को जोड़ेगी। इससे प्रदेश के विकास को पंख लगेंगे। नर्मदा एक्सप्रेस-वे एक 6-लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे परियोजना है, जिसे मई, 2020 में मप्र सरकार द्वारा प्रस्तावित किया था। शुरुआत में एक्सप्रेस-वे के 906 किलोमीटर हिस्से के निर्माण को मंजूरी दी गई थी। इस परियोजना की अनुमानित लागत 31,000 करोड़ रुपए है। मप्र सरकार ने एक्सप्रेस-वे के किनारे औद्योगिक क्षेत्र के विकास कार्यों की देखरेख के लिए निवेश नीति और औद्योगिक नीति विभाग को अधिकृत किया है। एक्सप्रेस-वे को प्रमुख शहरों, धार्मिक और पर्यटन स्थलों के साथ-साथ जिला मुख्यालयों को जोडऩे के लिए डिजाइन किया गया है।


 देश के बीचो-बीच बसा मप्र पूरे देश को जोडऩे में सेतु का काम करता है। इसी सिलसिले में छत्तीसगढ़ और गुजरात को जोडऩे के लिए मप्र में सबसे बड़ा सिक्सलेन और मध्य प्रदेश की सबसे लंबी सडक़ बनने जा रही है। करीब 12 सौ किमी से ज्यादा लंबी सडक़ मप्र के 11 जिलों से होकर गुजरेगी और उसके निर्माण में अनुमानित 31 हजार करोड़ की लागत आएगी। नर्मदा एक्सप्रेस-वे के नाम से जाने वाली इस प्रोजेक्ट की एक किमी सडक़ की लागत 25 करोड़ रुपए आंकी गयी है। ये एक्सप्रेस वे यमुना एक्सप्रेस वे से 4 गुना बड़ा होगा। इस एक्सप्रेस वे को दिल्ली वडोदरा कॉरीडोर से जोड़ा जाएगा। इतना ही नहीं, करीब 30 नेशनल हाइवे, स्टेट हाइवे और जिलों की सडक़ें इस एक्सप्रेस-वे से जुड़ेगी और 12 शहर इस एक्सप्रेस वे के जरिए कनेक्ट हो जाएंगे।


देश का सबसे बड़ा सिक्सलेन

नर्मदा एक्सप्रेस-वे इसलिए चर्चा में है, क्योंकि ये देश का सबसे लंबा सिक्सलेन है और एमपी की सबसे लंबी सडक़ है। इसकी लंबाई 1265 किमी होगी। इसके निर्माण में प्रति किमी सडक़ का खर्चा 25 करोड़ रुपए होगा। वैसे तो नर्मदा एक्सप्रेस वे का प्रस्ताव मई 2020 में आया था। तब इसकी लंबाई 906 किमी थी, लेकिन अब इसकी लंबाई 1265 किमी हो चुकी है। नर्मदा एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य जारी है। उम्मीद है कि तय समय 2026 में ये कार्य पूरा हो जाएगा। सडक़ के दोनों तरफ 100 मीटर का राइट ऑफ भी बनाया जा रहा है।


11 जिले, 30 शहर और कस्बे होंगे कनेक्ट

मप्र की सबसे लंबी सडक़ के तौर पर जाने जा रहे इस एक्सप्रेस वे को अनूपपुर जिले के अमरकंटक से अलीराजपुर जिले तक बनाया जा रहा है। नर्मदा एक्सप्रेस वे नर्मदा किनारे के प्रदेश के 11 जिलों अनूपपुर, डिंडोरी, मंडला, जबलपुर, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, हरदा, खंडवा, खरगोन, बड़वानी और अलीराजपुर से गुजरेगा। खास बात ये है कि 1265 किमी लंबी सडक से 30 नेशनल हाइवे, स्टेट हाइवे और जिलों की सडकें कनेक्ट हो रही है। इसके अलावा एमपी के प्रमुख 12 शहर भी इस एक्सप्रेस वे से सीधे कनेक्ट होंगे। जिन स्टेट हाईवे को इसमें शामिल किया जा रहा है, वो वर्तमान में टू लेन है। इनको भविष्य में चौड़ा कर दिया जाएगा, फिर इन्हें फोरलेन में परिवर्तित करने की तैयारी है।


गुजरात-छत्तीसगढ़ के लिए करेगा सेतु का काम

नर्मदा एक्सप्रेस वे इसलिए महत्वपूर्ण है कि ये दो राज्यों गुजरात और छत्तीसगढ़ को जोडऩे सेतु का काम करेगा। यह अनूपपुर से छत्तीसगढ़ से जोड़ा जाएगा और अलीराजपुर से अहमदाबाद से जोड़ा जाएगा। दोनों राज्यों के जुडऩे से पूर्वी और पश्चिमी मध्यप्रदेश सीधे जुड़ जाएंगे। इस प्रोजेक्ट की खास बात ये है कि करीब 30 शहरों और कस्बों से कनेक्ट हो रहे एक्सप्रेस वे को ध्यान रखकर शहरों के आसपास टाउनशिप विकसित की जाएगी। इसके साथ ही एमपी में 6 जगहों पर इंडस्ट्रियल हब तैयार किए जाने की योजना है। यहां उद्योगपतियों को जमीन आकर्षक दरों पर मिलेगी और सरकार की तरफ से कई सुविधाएं दी जाएगी।


 दिसंबर 2026 तक पूरा करने की डेटलाइन

नर्मदा एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। सरकार ने इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के पूरा होने की डेटलाइन दिसंबर 2026 रखी है। इस प्रोजेक्ट की खास बात यह है कि करीब 30 शहरों और कस्बों से कनेक्ट हो रहे एक्सप्रेस-वे को ध्यान रखकर शहरों के आसपास टाउनशिप विकसित की जाएगी। इसके साथ ही एमपी में 6 जगहों पर इंडस्ट्रियल हब तैयार किए जाने की योजना है। यहां उद्योगपतियों को जमीन आकर्षक दरों पर मिलेंगी और सरकार की तरफ से कई सुविधाएं दी जाएंगी। नर्मदा एक्सप्रेस-वे परियोजना मई 2020 में प्रस्तावित की गई थी। फरवरी, 2022 में, तत्कालीन शिवराज कैबिनेट ने 906 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे के निर्माण को मंजूरी दी थी। अब इसकी लंबाई 1265 किमी होगी। एक्सप्रेस-वे में नए मार्ग जुडऩे के कारण इसकी लंबाई बढ़ गई है। इसे वर्ष 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस एक्सप्रेस-वे को अनूपपुर जिले के अमरकंटक से अलीराजपुर जिले तक बनाया जा रहा है। नर्मदा एक्सप्रेस-वे नर्मदा किनारे के प्रदेश के 11 जिलों अनूपपुर, डिंडोरी, मंडला, जबलपुर, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, हरदा, खंडवा, खरगोन, बड़वानी और अलीराजपुर से गुजरेगा। खास बात यह है कि 1265 किमी लंबी सडक़ से 30 नेशनल हाईवे, स्टेट हाईवे और जिलों की सडक़ें कनेक्ट हो रही हैं। इसके अलावा प्रदेश के 30 शहर व कस्बे भी इस एक्सप्रेस वे से सीधे कनेक्ट होंगे। जिन स्टेट हाईवे को इसमें शामिल किया जा रहा है, वो वर्तमान में टू लेन है। इनको भविष्य में चौड़ा कर दिया जाएगा।