सरकार ने इस साल जनवरी में पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना शुरू की थी। इस योजना का उद्देश्य सोलर एनर्जी को बढ़ावा देना था। इसमें सोलर पैनल लगाने के लिए सरकार सब्सिडी देती है। सभी गांवों तक योजना की पहुंच हो, इसके लिए ‘मॉडल सौर गांव’ क्रियान्वयन को भी योजना में शामिल किया गया है।

12 अगस्त 2024 (सोमवार) को सरकार ने पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत ‘मॉडल सौर गांव’ के क्रियान्वयन के लिए परिचालन दिशानिर्देश जारी किए।

नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) के बयान के अनुसार योजना के घटक के रूप में पूरे भारत में हर जिले में मॉडल सौर गांव बनाने पर जोर दिया गया है। इसका मकसद सौर ऊर्जा की स्वीकार्यता को बढ़ावा देना और ग्रामीण समुदायों को ऊर्जा जरूरतों में आत्मनिर्भर बनाना है।

आवंटित हुए 800 करोड़ रुपये

मंत्रालय ने कहा कि इसके लिए 800 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं। इसमें चुने गये प्रत्येक मॉडल सौर गांव को एक करोड़ रुपये दिए जाएंगे। एमएनआरई ने मॉडल सौर गांव के क्रियान्वयन के लिए योजना दिशानिर्देश 9 अगस्त, 2024 को अधिसूचित किये थे।

गांवों का चयन एक प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया के जरिये होगा। इसमें जिला-स्तरीय समिति गांव का चयन करेगी। उसके छह महीने बाद स्थापित समग्र वितरित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के आधार पर गांवों का मूल्यांकन किया जाएगा।

दिशानिर्देशों के अनुसार इसका लाभ उन गांवों को मिलेगा जिसकी आबादी 5,000 (या विशेष श्रेणी के राज्यों के लिए 2,000) से अधिक होगी। इस योजना का कार्यान्वयन राज्य/केंद्रशासित प्रदेश नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी जिला स्तरीय समिति की निगरानी में करेगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि चयनित गांव प्रभावी ढंग से सौर ऊर्जा समुदायों में परिवर्तित हो जाएं। ये देशभर के अन्य गांवों के लिए मॉडल के रूप में काम करेंगे।

भारत सरकार ने 29 फरवरी, 2024 को पीएम-सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना को मंजूरी दी थी। इसका उद्देश्य छतों पर लगने वाले सौर संयंत्रों की क्षमता की हिस्सेदारी बढ़ाना और आवासीय घरों को बिजली उत्पादन के लिए सशक्त बनाना है। इस योजना का परिव्यय 75,021 करोड़ रुपये है और इसे 2026-27 तक लागू किया जाना है।