नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के बीच हुई 14वीं शिखर वार्ता में देश में 5 खरब जापानी येन यानी करीब 3.2 लाख करोड़ रुपए के निवेश पर सहमित प्रकट की गई है। बातचीत के दौरान दोनों नेताओं के बीच कई मुद्दों पर चर्चा हुई और छह समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। इस दौरान द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा हुई। दोनों देशों में स्वच्छ ऊर्जा को लेकर भी भागीदारी की शुरूआत की गई, जिसके तहत जापान इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी तथा स्वच्छ ईधन के क्षेत्र में भारत को सहयोग प्रदान करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिखर वार्ता के बाद जापानी प्रधानमंत्री के साथ जारी बयान में कहा कि भारत-जापान भागीदारी में अभूतपूर्व प्रगति हो रही है। यह प्रगति ऐसे समय में हुई जब दुनिया कोविड के दुष्प्रभावों से जूझ रही है और अभी भी रिकवरी में अड़चनें बनी हुई हैं तथा बदलती भू राजनीति ने नई चुनौतियां पैदा कर दी हैं। लेकिन यह सहभागिता सिर्फ दोनों देशों के लिए ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि इससे हिन्द-प्रशांत क्षेत्र समेत पूरे विश्व स्तर पर शांति एवं स्थायित्व को प्रोत्साहन मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज की चर्चा में सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के साथ-साथ द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचार किया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों में भारत-जापान आर्थिक साझीदारी में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। दोनों देशों में जबरदस्त विश्वास एवं उत्साह है। जापान भारत में सबसे बड़े निवेशकों में से एक विश्वस्त साथी है। डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर और मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजनाओं में उसका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 में आर्थिक साझीदारी के तहत भारत में 3.5 खरब येन के निवेश का लक्ष्य था जिसे पार कर लिया गया है तथा अब इस महत्वाकांक्षा को बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। जापान 5 खबर येन यानी 3.2 लाख करोड़ रुपए का निवेश अगले पांच सालों के दौरान देश में करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि हाल के वर्षों में भारत ने व्यापक आर्थिक सुधार किए हैं। 
इससे निवेश की असीम संभावनाएं हो गई हैं। जापानी कंपनियों को हम अनुकूल अवसर प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस दिशा में इंडिया-जापान इंडस्ट्रिल कंपटीटिव पाटर्नशिप रोडमैप की पहल भी महत्वपूर्ण साबित होगी। दोनों प्रधानमंत्रियों ने कहा कि दोनों देशों ने क्लीन एनर्जी पार्टनरशिप की भी शुरुआत की है। यह ससत विकास के इको सिस्टम को मजबूत करेगी, बल्कि जलवायु खतरों से निपटने के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होगी।