भोपाल ।  मध्य प्रदेश में 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस तैयारियों में जुटी है सत्ता में वापसी के लिए ताकत लगा रही कांग्रेस मिशन-2023 के लिए कोई मौका नहीं छोडऩा चाहती। कमलनाथ अपनी पूरी टीम को एक्टिव कर करने जा रहे हैं जहां एक साथ कई मोर्चों पर काम किया जाएगा। कमलनाथ ने वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा कर प्रदेश की ऐसी विधानसभा सीटों को चिन्हित किया है जहां 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 3 हजार से भी कम वोटों से हार का सामना करना पड़ा था। इन सभी सीटों पर इस बार खास प्लान तैयार किया जाएगा।
दरअसल कांग्रेस ने 2023 विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति लगभग तैयार कर ली है। कांग्रेस ने प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों को तीन कैटेगिरी में बांटा है जहां कांग्रेस सबसे पहले कम मार्जिन से हारने वाली सीटों पर पूरा फोकस करेगी। 2018 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश की 24 विधानसभा सीटें ऐसी थी जिन्हें कांग्रेस 3 हजार वोटों के कम मार्जिन से हारी थी ऐसे में तीन हजार से कम मतों के अंतर से हुई हार-जीत वाली सीटों पर कांग्रेस इस पर पहले से ही तैयारियों में जुटी है। इनमें से कुछ सीटें तो ऐसी थी जिन पर 1 हजार से भी कम वोटों से हार जीत हुई थी।


पूर्व मंत्रियों को उतारा जाएगा इन सीटों पर
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बाद कांग्रेस इन सीटों पर तैयारियों में जुटेगी। कमलनाथ ने इन सीटों पर फोकस करने की जिम्मेदारी पूर्व मंत्रियों को सौंपी है पूर्व मंत्री तरुण भनोट सज्जन सिंह वर्मा कमलेश्वर पटेल उमंग सिंगार सहित कुछ और पूर्व मंत्रियों की फौज इन 24 सीटों पर तैनात की जाएगी। ये सभी पूर्व मंत्री इन सीटों का दौरा करेंगे और पिछले चुनाव में जो गलतियां हुई थी उन्हें इस बार सुधारने का प्रयास किया जाएगा। ताकि पिछले चुनाव की तरह स्थिति न बने।


इन सीटों पर कम मार्जिन से हुई थी कांग्रेस की हार
बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनाव में करीब 24 विधानसभा सीट थी जिन पर जीत-हार तीन हजार से कम मतों से हुई थी ऐसे में एमपी से भारत जोड़ो यात्रा गुजरने के बाद इन सीटों पर पूर्व मंत्रियो का दौरा कार्यक्रम जारी होगा। कांग्रेस इन सीटों पर इसलिए भी फोकस कर रही है क्योंकि अगर इनमें से कांग्रेस 10 या पांच सीटें भी जीत जाती तो वह बहुमत के आंकड़े को पार कर जाती लेकिन ऐसा नहीं हुआ जिससे कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। जिन सीटों पर कांग्रेस को सबसे कम मार्जिन से हार का सामना करना पड़ा था उन सीटों में जौरा बीना और कोलारस हैं। जौरा में 511 मतों से हार मिली बीना में 632 मतों से और कोलारस में 720 मतों से कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था। इसी तरह इंदौर की 5 नंबर विधानसभा सीट पर 1133 वोट छतरपुर की चांदला सीट पर 1177 वोट सतना की नागौद सीट 1234 वोट से कांग्रेस हार गई थी इस तरह कुल 6 सीटें कांग्रेस 1300 से भी कम अंतर से हारी थी। यानि कांग्रेस इनमें से पांच सीटें भी जीत जाती तो 2018 में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिल जाता। यही वजह है कि कांग्रेस इन सीटों पर अभी से पूरा फोकस करना चाहती है।