अहमदाबाद | अहमदाबाद के सरखेज-गांधीनगर राजमार्ग पर स्थित एसजीवीपी गुरुकुल में आयोजित भाववंदना पर्व को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि उनके द्वारा दिया गया ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के सूत्र के मूल में पूज्य शास्त्रीजी-स्वामी धर्मजीवनदासजी के विचार शामिल है। इस अवसर पर स्वामी श्री माधवप्रियदासजी लिखित ‘धर्म जीवन गाथा’ ग्रंथ का विमोचन के असवर पर भारी भीड़ को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वामिनारायण संप्रदाय के सभी सत्संगी स्वदेशी के विचार को अपनाकर आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है। उन्होंने संतों को संत्संगियों के परिवारजनों की सामूहिक शक्ति को जोड़कर आज़ादी का अमृत महोत्सव में योगदान देने के लिए अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि स्वच्छ भारत के निर्माण में सत्संगियों की सामूहिक शक्ति बहुत उपयोगी हो सकती है। इस अवसर पर स्वामी श्री माधवप्रियदासजी लिखित ‘धर्मजीवन गाथा’ ग्रंथ की प्रथम प्रति मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को सौंपी गई।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि स्वामी श्री धर्मजीवनदासजी ने भगवान स्वामिनारायण द्वारा प्रचारित शिक्षापत्री के संदेश को जीवन में उतारकर समाज के निर्माण का कार्य किया है। इस असवर पर मुख्यमंत्री ने भारत के गुरुकल परम्परा का उल्लेख करते हुए कहा कि गुरुकुल परम्परा को पुनः स्थापित कर हम ‘श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना को साकार कर सकते है। मुख्यमंत्री ने इस असवर पर समाज को व्यसनमुक्त बनाने में स्वामिनारायण संप्रदाय द्वारा निभाई गई भूमिका की भी सराहना की। 
कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला, अहमदाबाद शहर के महापौर किरीट परमार, कृषि मंत्री राधवजी पटेल, दिल्ली उच्च न्यायालय  के पूर्व न्यायाधीश डी. एन. पटेल तथा स्वामिनारायण संप्रदाय के संत तथा विशाल संख्या में हरिभक्त उपस्थित थे।