अहमदाबाद   प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार से गुजरात की दो दिवसीय यात्रा पर हैं। वे दोपहर करीब 2.30 बजे अहमदाबाद पहुंचे। अहमदाबाद से वे सीधे गांधीनगर स्थित राजभवन पहुंचे। इसके बाद साबरमती रिवरफ्रंट पर आयोजित ‘खादी उत्सव’ समारोह में शामिल हुए, जहां उन्होंने 7500 खादी कारीगर महिलाओं के साथ चरखा भी चलाया। इस कार्यक्रम के बाद उन्होंने साबरमती नदी पर बने नए फुटओवर 'अटल ब्रिज' का लोकार्पण किया।

पीएम बोले विदेश जाएं तो खादी का एक कपड़ा जरूर ले जाएं

PM मोदी ने कहा कि खादी को भी अपने घर में जगह दीजिए तो लोकल अभियान को और मदद मिलेगी। आप में से जो भी विदेश में रह रहे हों या आपके परिवार से जब भी कोई सदस्य विदेश जा रहा हो तो कोशिश करें कि वह अपने साथ खादी का एक कपड़ा जरूर लेकर जाएं। इससे दूसरे देश के नागरिकों में भी खादी को लेकर जागरूकता आएगी। खादी हमारे इतिहास का अभिन्न हिस्सा है। जब हम अपनी विरासत पर गर्व करते हैं तो दुनिया भी उसे मान-सम्मान देती है।

खादी का एक-एक धागा, आजादी के आंदोलन की ताकत

पीएम मोदी ने कहा कि इतिहास साक्षी है कि खादी का एक-एक धागा, आजादी के आंदोलन की ताकत बन गया। उसने गुलामी की जंजीरों को तोड़ दिया। खादी का वही धागा, विकसित भारत के प्रण को पूरा करने का, आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने का प्रेरणा-स्रोत बन सकता है।

पीएम ने की देशवासियों से अपील

पीएम मोदी ने देश वासियों से अपील करते हुए कहा कि 'मैं देशभर के लोगों से एक अपील भी करना चाहता हूं। आने वाले त्योहारों में इस बार खादी ग्रामोद्योग में बना उत्पाद ही उपहार में दें। आपके पास अलग-अलग तरह के फैब्रिक से बने कपड़े हो सकते हैं, लेकिन उसमें आप खादी को भी जगह देंगे, तो वोकल फॉर लोकल अभियान को गति मिलेगी।'

विदेशों में बढ़ रही भारतीय खिलौनों की मांग

मोदी ने कहा- अगर आज के समय में भारत में बनने वाले खिलौनों की बात की जाए तो वे प्राकृतिक रूप से बेहतर होते हैं और बच्चों की सेहत को भी नुकसान नहीं पहुंचाते। इसी के चलते अब विदेश से मंगाए जाने वाले खिलौनों में गिरावट आई है और भारतीय खिलौने पूरी दुनिया में जगह बना रहे हैं। भारत में बनने वाले खिलौनों की मांग दुनिया के कई देशों में तेजी से बढ़ती जा रही है। इससे सबसे बड़ा फायदा हमारे देश के छोटे उद्योगों को हुआ है।

विभिन्न पीढ़ियों के चरखों की प्रदर्शनी

कार्यक्रम में एक प्रदर्शनी भी हुई, जिसमें 1920 के दशक से इस्तेमाल में लाए गए विभिन्न पीढ़ियों के 22 चरखों को प्रदर्शित किया गया। इनमें ‘यरवदा चरखा’ जैसे चरखे भी शामिल हुए, जो स्वतंत्रता संग्राम के दौरान इस्तेमाल किए गए चरखों का प्रतीक है।

मोदी का 28 अगस्त का कार्यक्रम

सुबह 10 बजे स्मृतिवन स्मारक का उद्घाटन।
श्यामजी कृष्ण वर्मा विश्वविद्यालय मैदान में पूर्वाह्न 11.00 बजे सार्वजनिक कार्यक्रम।
शाम 5.00 बजे गांधीनगर महात्मा मंदिर में कार्यक्रम।
रात 9 बजे दिल्ली के लिए प्रस्थान।