नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) का कहना है कि उसका एनर्जी एक्सप्लोरेशन बिजनेस, वैश्विक ईंधन कमी का लाभ उठाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। वैश्विक ईंधन की कमी ने पिछले साल गैस की कीमतों को रिकॉर्ड हाई तक पहुंचा दिया था। 
एक्सप्लोरेशन और उत्पादन के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट संजय रॉय का कहना है कि मुकेश अंबानी द्वारा नियंत्रित रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) को उम्मीद है कि अप्रैल में भारत अपनी ऑफशोर गैस बिक्री  के लिए मूल्य सीमा को लगभग 60 फीसदी  बढ़ाकर करीब 10 डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट कर देगा।
सरकार हर छह महीने में अंतरराष्ट्रीय दरों के आधार पर यह मूल्य सीमा तय करती है। ऑफशोर गैस बिक्री के लिए मूल्य सीमा बढ़ने से बंगाल की खाड़ी में कृष्णा-गोदावरी फील्ड्स में आरआईएल के संचालन को लाभ होगा। इन फील्ड्स में 31 दिसंबर को समाप्त तिमाही में उत्पादन एक साल पहले की समान अवधि से 36 गुना बढ़ गया था। रॉय के मुताबिक, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड अपनी सहयोगी बीपी पीएलसी के साथ अब रोजाना 18 मिलियन क्यूबिक मीटर गैस का उत्पादन कर रही है और 2023 में यह उत्पादन रोजाना 30 मिलियन क्यूबिक मीटर तक पहुंचने की उम्मीद है। तेल और गैस उत्पादन से रिलायंस का राजस्व दिसंबर तिमाही में बढ़कर 25.6 अरब रुपए (34.3 करोड़ डॉलर) हो गया है। यह व्यवसाय के लिए एक उल्लेखनीय बदलाव का प्रतिनिधित्व करता है।