भोपाल, प्रेमास्पद की इच्छा सर्वोपरि मानना ही प्रेम है निरंतर कथा सुनने से प्रभु चरणों में प्रेम होता है और स्वयं की इच्छाएं शांत हो जाती हैं जीवन में फिर कोई अशांति नहीं रहती. भोपाल जंबूरी मैदान में सकल समाज वरिष्ठ नागरिक सेवा समिति द्वारा आयोजित श्री रामकथा महोत्सव के दूसरे दिन कथा वाचक पं मुरलीधर महाराज ने शिव पार्वती विवाह प्रसंग से कथा विस्तार करते हुए कहा कि कथा श्रवण,हरि दर्शन,तीर्थ दर्शन से प्रभु चरणों में प्रेम होता है और भक्त प्रभु इच्छा में अपनी इच्छा को मिला देता है परमात्मा जैसा चाहे करें स्वीकार कर लेता है फिर जीवन में कोई शिकायत नहीं रहती.

झंडा उठाने से नहीं, कथा श्रवण से बनेगा सनातन राष्ट्र

पं मुरलीधर महाराज ने कहा कि सनातन राष्ट्र के लिए झंडा उठाने की जरुरत नहीं, सनातन के लिए कथा श्रवण करना चाहिए कथा श्रवण से विवेक जागृत होता है जिस व्यक्ति का विवेक जागृत होगा, वह सही और गलत का निर्णय करके ही वोट देगा और इससे ही उचित ,ईमानदार सरकार बनेगी जो सनातन के प्रति समर्पित होगी इसलिए जागोगे तो ही बचोगे.
सुमधुर संगीतमय रामचरित मानस की चौपाइयों का गायन करते हुए पं मुरलीधर महाराज द्वारा पार्वती जी द्वारा शिव जी से निर्गुण निराकार ब्रह्म के सगुण साकार ब्रह्म होने की कथा वर्णन करते हुए कहा कि भक्तों के कष्ट हरने के किए ही निर्गुण निराकार ब्रह्म के सगुण साकार होकर अवतार लेते हैं , रामजन्म की कथा प्रसंग में भगवान शिव के द्वारा , जो कथा कागभुशुण्डि जी ने गरुड़ महाराज को सुनाई पार्वती से कही, पंडित मुरलीधर महाराज ने कहा कि भगवान शिव ने पार्वती से कहा कि रामजन्म के अनेक कारण हैं जिसमें पांच कारणों का बखान किया, राक्षसों से त्रस्त होकर पृथ्वी ने गाय का रूप धारण कर देवताओं के साथ हरि से प्रार्थना की,हरि ने भक्तों के हित के लिए अवतरण लिया. पं मुरलीधर महाराज सुमधुर संगीतमय चौपाइयों और भजनों से रामजन्म की कथा कही ,,,,,,अवध में आनंद भयो ,,,,,,मोहे मीठो मीठो सरजू जी को पानी,,,,, कान्हा तो आओ सरी, माधो मंदिर मीरा जैसे भजनों पर श्रोता नृत्य करने लगे.

सकल समाज वरिष्ठ नागरिक सेवा समिति के प्रवक्ता बलवंत सिंह रघुवंशी हरीश बाथवी ने बताया की श्री रामकथा महोत्सव का सातवां वर्ष है कथा स्थल पर विशाल पंडाल एवं भव्य मंच सजाया गया है आज कथा स्थल पर हज़ारों की संख्या श्रद्धालुओं ने कथा का श्रवण की प्रमुख रुप से कथा संयोजक रमेश रघुवंशी, मुख्य यजमान मुकेश शर्मा एवं ए एल सिंह, विजय माहेश्वरी, हीरालाल गुर्जर, अतुल चौहान, सन्तोष मालवीय,ललित पाण्डेय, अनिल अग्रवाल, सुधीर सोनी, मोर सिंह राजपूत, पदम सिंह जाट,मिथ्लेश गौर,रामसिंह यादव, दिलीप विश्वकर्मा, आदित्य जाना, भरत साहू, राकेश रघुवंशी, श्रीमती भागवती रघुवंशी, साधना सिंह, उपमा मिश्रा, विभा पाण्डेय, दर्शना शर्मा