जोधपुर    सोमवार देर रात शुरू हुआ विवाद सुबह भीतरी शहर की तंग गलियों तक पहुंच गया। भीतरी शहर के 14 से ज्यादा मोहल्लों में जमकर पत्थरबाजी हुई। हालात यह हो गए कि शहर में आखा तीज और ईद जैसे त्याेहार पर पुलिस को कर्फ्यू लगाना पड़ा। इस पूरे उपद्रव का वीडियो सामने आया है। ये वो वीडियो है, जिसकी वजह से पूरे शहर में हिंसा भड़की। खुद सूरसागर विधायक सूर्यकांंता व्यास ने इस बात का दावा किया है कि जालोरी गेट चौराहे से ही एक मामूली बात को लेकर हिंसा फैलाई गई थी। जोधपुर में दो दिन पहले परशुराम जयंती समारोह पर जालोरी गेट चौराहे पर भगवा झंडा लगाया गया था। इसके बाद इसे उतार दिया गया। जालोरी गेट चौराहे पर ही स्वतंत्रता सेनानी बालमुकुंद बिस्सा की प्रतिमा लगी है। मंगलवार को ईद के मौके पर धर्म विशेष की ओर से देर रात झंडा लगाया जा रहा था। आरोप था कि झंडा लगाने के साथ ही उन्होंने बालमुकुंद बिस्सा की प्रतिमा को ढंक दिया था। इसी दौरान वहां मौजूद युवक पहुंचे और उन्हें टोका। साथ ही, वे वीडियो बनाने लगे। इस पर दूसरे समुदाय के लोगों ने अचानक हमला कर दिया। इसकी सूचना मिलते ही भीतरी शहर से कुछ लोग आए और हमला कर दिया। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सामने आया। इसमें कुछ युवक प्रतिमा के पास खड़े होकर समुदाय विशेष का झंडा लगा रहे हैं।

विधायक बोलीं- प्रतिमा को ढकने पर विवाद हुआ

हिंसा के कारण प्रतिमा पर झंडा लगाना ही था। यह बात खुद सूरसागर विधायक सूर्यकांता व्यास कह रही हैं। उपद्रवियों ने उनके घर के बाहर रखी दो बाइक को आग लगा दी। वे बोलीं- मैंने आज दिन तक जोधपुर का ऐसा माहौल नहीं देखा। मुझे यह बात समझ नहीं आई कि बिस्सा जी की मूर्ति को झंडे से ढकने और मुंह पर काला कपड़ा बांधने की क्या जरूरत थी। ये शुरुआत यहीं से हुई थी। इसकी कोई जरूरत नहीं थी। सीएम के गृह जिले में ऐसा होना चिंता का विषय है। नमाज के बाद फिर से माहौल बिगाड़ा गया।

'अपणायत' का शहर जोधपुर, दंगे के बाद ट्विटर पर ट्रेंड

जोधपुर 'अपणायत' का शहर है। त्योहार से लेकर बड़े आयोजन में हमेशा जोधपुर की चर्चा रहती है। इस बार जोधपुर दंगों की वजह से ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है। मंगलवार सुबह से ट्विटर पर हैश टैग जोधपुर ट्रेंड कर रहा हैै। हैश टैग धार्मिक दंगे बंद करो भी ट्रेंड कर रहे हैं।